Saturday, October 27, 2007

मौसी जी का बेटा वंश

एक दिन हमारे घर मौसी जी आई थी मतलब मेरी माँ की दोस्त फिर मैने मौसी जी के पैर छुए फिर मैने देखा के मौसी जी की गोद मैं कौन है. मैने उनसे पूछा तो उन्होने कहा कि यह मेरा बेटा वंश है फिर मैने उन्हे drawing room में ले गया फिर मैंने उनको पानी पिलाया फिर माँ भागते-भागते गईं और आईं फिर माँ ने मौसी जी को गले लगाया फिर हमने वंश को बहुत प्यार किया और जब मैं वंश के सामने हसता था तब वंश हंसता था

यशवंत की घटिया परची

एक दिन स्कूल में ५ पीरड में मैं एक काम कर रहा था फिर यशवंत ने एक पर्ची दी उस पर लिखा था ध्रुव एक सड़ा हुआ जूस तो मैंने लिक्खा यह्वंत खाता कीडे तो उसने मुझे लिक्खा same to you तो मैंने उसे लिक्खा कि यशवंत के पेट देखो मोटा, मोटा देखो तो अमित ने जाकर परची मेम को दिखा मेम ने मुझे मार लगाइ फिर मैंने जो परचियाँ लिखी वो मैंने उन्हें दिखा दी तो यशवंत को भी मार लगी।
तो यह साबित हुआ

यशवंत को लगी मार
और मैं गया ख़ुशी से पार

Bus to Delhi Taking Papa and Arun


Sunday, August 12, 2007

य़थारथ का डर

मेरा नाम ध्रुव है मैं अपने दोस्त य़थारथ के घर उसके जन्मदिन में गया था हम सब य़थारथ की बङी साईकल को चलाना सीखा जब में उसकी साईकल के पीछे- पीछे चलता रहा और थक गया अचानक मैने देखा की छत पर 10 बन्दर देखे य़थारथ ने देखा तो वह बहुत ज़ोर चिल्लाया बचाओ.....तब तक यथारथ की साईकल गिर गई में साईकल को उठाके यथारथ के घर ले गया और उसका जन्मदिन मनालिया और फिर में अपने घर वापस चला गया